Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 1 2nd Book

If you are a student of Class 12 and studying Political Science, you must be aware of the importance of taking notes. Notes help in better understanding and revising the concepts. In this article, we will provide you with the Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 1. The notes will cover all the important topics and concepts discussed in the first chapter of the Political Science NCERT textbook.

“राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां”

‘भाग्यवधू से चिर-प्रतीक्षित भेंट’ या ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ :-

स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ ने 1947 के 14-15 अगस्त की मध्य रात्रि को संविधान सभा के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए एक भाषण दिया था जिसे “भाग्यवधू से चिर-प्रतीक्षित भेंट” या ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” के नाम से जाना गया।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सबकी सहमति :-

  1. आजादी के बाद देश की शासन व्यवस्था को लोकतांत्रिक सरकार द्वारा चलाया जाएगा।
  2. दूसरी यह कि सरकार सबके हित के लिए कार्य करेगी।

सन 1947 का साल :-

  • 1947 का साल अभूतपूर्व, हिंसा और विस्थापन की त्रासदी से भरा हुआ था।
  • लाखों लोग मारे गए और लाखों लोग अपने घर से बेघर हो गए।

स्वतंत्र भारत के समक्ष तीन प्रमुख चुनौतियां :-

  1. क्षेत्रीय अखंडता को कायम करने की
  2. लोकतंत्र को कायम करने की
  3. समुचित विकास करने की

फैज अहमद फैज के जीवन पर संक्षिप्त टिप्पणी :-

  1. इनका जन्म 1911 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था।
  2. वामपंथी रुझान के कारण उनका पाकिस्तान के शासन से हमेशा टकराव होता रहता था।
  3. उनका लंब आजीवन कारावास में गुजरा
  4. बीसवीं शताब्दी के दक्षिण-एशियाई कवियों में से सहमत हैं प्रमुख थे।
  5. प्रमुख कविता संग्रह
  • नक्शे फरियादी
  • दस्त-ए-सबा

अमृत प्रीतम के जीवन पर संक्षिप्त टिप्पणी :-

  • पंजाबी भाषा की प्रमुख कवयित्री, कथाकार और साहित्यिक उपलब्धियां के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित
  • पद्मश्री और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित
  • जीवन के अंतिम समय तक पंजाबी की साहित्यिक पत्रिका “नागमणि” का संपादन।

भारत का विभाजन

प्रस्तावना :- भारत एक संप्रभु देश है जहां पर नागरिक स्वतंत्र रूप से सम्मान पूर्वक रहता है, परंतु इस देश का दुर्भाग्य है कि यहां धर्म के नाम पर संप्रदायिक हिंसा होती है। मेरा भारत ऐसा तो नहीं था फिर इससे ऐसा बनाया किसने भारत की सबसे बड़ी विरासत “विविधता में एकता” का सूत्र है। धार्मिक पक्षपात के कारण युवाओं से एक साथ रहने वाले दो कॉम एक दूसरे के दुश्मन बन गए। भारत के विभाजन के पहले भारत को ब्रिटिश इंडिया के नाम से जाना जाता थाा, परंतु 14-15 अगस्त के मध्य रात्रि 1947 को भारत का विभाजन हो गया और ब्रिटिश इंडिया को भारत और पाकिस्तान के रूप में बांट दिया गया।

भारत के विभाजन का सबसे प्रमुख कारण “द्वि-राष्ट्र सिद्धांत” था जिसकी मांग “मुस्लिम लीग” ने की थी। इस सिद्धांत के अनुसार भारत किसी एक कौम का नहीं बल्कि हिंदू और मुस्लिम दोनों कॉम का देश था और इसी कारण मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के लिए एक नए राष्ट्र यानी पाकिस्तान की मांग की थी, परंतु कांग्रेस ने द्वि-राष्ट्र सिद्धांत पाकिस्तान की मांग का विरोध किया अंततः 1940 के दशक में राजनीतिक मोर्चे पर कई बदलाव हुए।

  • कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज हो गई।
  • भारतीय राजनीति में ब्रिटिश शासन की भूमिका बढ़ गई प्रथा पाकिस्तान की मांग मान ली गई।

विभाजन की प्रक्रिया

प्रस्तावना :- भारत का विभाजन दर्दनाक था क्योंकि इसके परिणामों के कारण भारत के टुकड़े हो गए थे। भारत एक नहीं बल्कि दो कोमो के देश बन गया जो भारत के लिए शर्मनाक बात थी। फैसला हुआ कि अब तक जिस भूभाग को इंडिया के नाम से जाना जाता था उसे भारत और पाकिस्तान के नाम से जाना जाएगा। भारत के विभाजन का फैसला बहुत ही आश्चर्यचकित करने वाला फैसला था क्योंकि भारत की परिस्थितियों को देखते हुए उसके परिणाम सकारात्मक होने की उम्मीद नहीं थी। धार्मिक बहुसंख्यक को विभाजन का आधार बनाया गया जिस इलाकों में मुसलमानों की जनसंख्या अधिक थी उसे पाकिस्तान और जिन इलाकों में हिंदुओं की संख्या अधिक थी उसे हिंदुस्तान के नाम से जाना गया।

  • ब्रिटिश इंडिया को भारत और पाकिस्तान नाम के 2 देशों के समूह में बांट देना।
  • धार्मिक बहुसंख्यक और विभाजन का आधार बनाना।
  • विभाजन का कोई सही स्वरूप ना होना।
  • मुस्लिम बहुल इलाकों के लोगों को पाकिस्तान में जाने से एतराज।

द्वि-राष्ट्र सिद्धांत :- इस सिद्धांत के अनुसार भारत किसी एक कौम का नहीं बल्कि हिंदू और मुसलमान के दो कोमो का देश था और इसी कारण मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के लिए एक अलग देश यानी पाकिस्तान की मांग की थी।

सन 1940 के दशक में राजनीतिक मोर्चे पर दो प्रमुख बदलाव :-

  • कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का तेज होना
  • पाकिस्तान की मांग को मान लेना।

ब्रिटिश इंडिया

  • ब्रिटिश प्रभुत्व वाले प्रांत

ब्रिटिश प्रभुत्व वाले भारतीय प्रांतों पर अंग्रेजों का सीधा कब्जा था।

  • देशी रजवाड़े

दूसरी तरफ छोटे बड़े आकार के कुछ और राज्य थे, जिन्हें रजवाड़ा कहा जाता था रजवाड़ों पर राजाओं का नियंत्रण होता था।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य लक्ष्य :-

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य लक्ष्य एकता और आत्म निर्णय के साथ-साथ लोकतंत्र का अख्तियार करना था।

भारतीय रजवाड़ों का स्वरूप

  • ओडिशा

26 रजवाड़े

  • छत्तीसगढ़

15 रजवाड़े

  • सौराष्ट्र

14 बड़े रजवाड़े

119 छोटे रजवाड़े

देसी रजवाड़ों की चर्चा से तीन बातें सामने आई :-

  1. पहली बात तो यह है कि अधिकतर रजवाड़ों के लोग भारतीय संघ में शामिल होना चाहते थे।
  2. दूसरी बात यह कि भारत सरकार का रुख लचीला था और वह कुछ इलाकों को स्वतंत्रता देने के लिए तैयार थी जैसे कि जम्मू कश्मीर में हुआ।
  3. तीसरी बार विभाजन की पृष्ठभूमि में विभिन्न इलाकों के सीमांकन के सवाल पर खींचतान जोर पकड़ रही थी और ऐसे में देश की क्षेत्रीय अखंडता एकता का सवाल सबसे अहम हो उठा था।

इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेंशेन :- अधिकतर रजवाड़ों के शासकों ने भारतीय संघ में अपने विलय के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए इस सहमति पत्र ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेंशेन’ को कहा जाता है।

रजाकार कौन थे ?

रजाकार अब्बल दर्जे के सांप्रदायिक और अत्याचारी थे। 

सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर संक्षिप्त टिप्पणी :-

  • सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री थे।
  • इन्होंने देसी रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
  • इसलिए इन्हें भारत का ‘लौह पुरुष’ (Iron Man of India) भी कहा जाता है।
  • यह भारत के प्रथम गृह मंत्री (Home Minister) भी थे।

भारत के विभाजन में आई मुख्य समस्याएं :-

  • मुस्लिम पूरे देश में थे और पूरे देश को बांटना आसान नहीं था।
  • सभी मुस्लिम पाकिस्तान जाने को तैयार नहीं थे।
  • ऐसे दो इलाके थे जहां मुस्लिम बहुत संख्या थे और दोनों इलाकों को मिलाकर जोड़ना मुमकिन नहीं था।
  • पंजाब और बंगाल में कुछ इलाकों में मुस्लिम ज्यादा थे फिर वहां जिले के आधार पर बंटवारा किया गया।
  • अल्पसंख्यकों की समस्या।
  • चंद घंटों में देश खाली करने की समस्या।

भारत और पाकिस्तान के विभाजन का मुख्य परिणाम :-

  • धर्म के नाम पर एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों को बेरहमी से मारा।
  • लाहौर, अमृतसर और कोलकाता जैसे शहर संप्रदायिक अखाड़े में तब्दील हो गए।
  • लो अपना घर बार छोड़ने के लिए मजबूर हुए दोनों तरफ के अल्पसंख्यक अपने घरों से भाग खड़े हुए और अक्सर स्थाई तौर पर उन्हें ‘शरणार्थी शिविर’ में पनाह लेनी पड़ी।
  • महिलाओं के साथ बलात्कार, हत्या और जबरन उनसे शादी की गई।
  • विभाजन के कारण 80 लाख लोगों को अपना घर बार छोड़कर सीमा पार जाना पड़ा विभाजन की हिंसा में तकरीर 5 से 10 लाख लोगों ने अपनी जान गवाई।
  • संपत्ति का बंटवारा किया गया।

रजवाड़ों के विलय में पटेल जी की भूमिका :-

  • देश में रजवाड़ों की समस्या को देखकर ऐसा लगा जैसे देश टूट जाएगा।
  • ऐसे में सरदार बल्लभ भाई पटेल ने अपनी समझदारी दिखा कर रजवाड़ों को भारतीय संघ में शामिल करने के लिए राजी कर दिया।
  • उनसे ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिया।

कश्मीर रियासत के विलय में आई समस्याएं :-

  • कश्मीर के राजा हरि सिंह इसे स्वतंत्र रखना चाहते थे।
  • पाकिस्तान कश्मीर को अपना मानता था और उसे अपने में शामिल करना चाहता था।
  • पाकिस्तान ने दबाव भी बनाया और कश्मीर में अपनी सेना भेज दी यह सोच कर कि वहां की मुस्लिम जनसंख्या उसका साथ देगी।
  • फिर वहां के राजा ने भारत से मदद मांगी और भारत ने मदद की इसी के साथ कश्मीर रियासत में मिला लिया गया।
  • कश्मीर को विशेष अधिकार (जैसे : अनुच्छेद 370, 35A) भी दे दिए गए क्योंकि भारत का रुख लचीला था।

हैदराबाद रियासत का भारत में विलय :-

  • हैदराबाद के राजा को निजाम कहा जाता था वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार होता था।
  • निजाम के खिलाफ लोगों ने आंदोलन किया और निजाम ने उन लोगों को कुचलने के लिए अपने गुंडे रजाकार भेजें।
  • वे किसानों और महिलाओं का शोषण करता था।
  • रजाकारों ने लूटपाट मचाई, हत्या, बलात्कार पर उतारू हो गए।
  • रजाकार बहुत संप्रदायिक थे और गैर मुसलमानों को अपना निशाना बनाने लगे।
  • फिर भारत ने अपनी सेना भेजी सेना ने रजाकारों को हरा दिया।

मणिपुर रियासत का विलय :-

  • मणिपुर के राजा बौद्धचंद्र सिंह भारत के साथ विलय के सहमति पत्रपर हस्ताक्षर किए।
  • इसके बदले में उनकी स्वतंत्रता बरकरार रखने का आश्वासन दिया।
  • मणिपुर भारत का सबसे पहला राज्य है जहां ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ का प्रयोग जून 1948 में किया गया।
  • मणिपुर की कांग्रेस चाहती थी कि मणिपुर का विलय भारत में हो जाए लेकिन वहां की जनता नहीं चाहती थी कि मणिपुर का विलय भारत में हो।
  • मणिपुर का विलय भारत में हो गया लेकिन आज भी वहां की जनता इससे खुश नहीं है।

कांग्रेस का नागपुर अधिवेशन :-

  • कांग्रेस का नागपुर अधिवेशन 1920 में हुआ था।
  • अधिवेशन बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह मान लिया था कि राज्यों का पुनर्गठन भाषा के आधार पर होगा।

राज्यों का पुनर्गठन :-

भारत का विभाजन तो हो गया और भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र राष्ट्र अस्तित्व में भी आए परंतु अभी भी राष्ट्र निर्माण की पूरी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी और इसके साथ देसी रियासतों का भी भारतीय संघ में विलय कर दिया गया परंतु सबसे बड़ा सवाल यह था की क्या राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का समापन हो गया तो इसका उत्तर है नहीं क्योंकि अभी स्वतंत्र भारत के समक्ष भारतीय प्रांतों की आंतरिक सीमाओं को निर्धारित करने की चुनौती अभी मौजूद थी।

भारत के समक्ष प्रांतों की सीमाओं को निर्धारित करने की चुनौती :-

प्रांतों की सीमाओं को इस प्रकार निर्धारित करने की चुनौती थी कि देश की भाषाई और सांस्कृतिक बहुलता स्पष्ट रूप से दिखाई दें और साथ ही राष्ट्रीय एकता भी खंडित ना हो।

औपनिवेशिक शासन के समय प्रांतों की सीमाओं का निर्धारण :-

  • प्रशासनिक सुविधा के लिहाज से प्रांतों की सीमाओं का निर्धारण किया जाता था।
  • रामपुर की सीमा किस बात से भी निर्धारित की जाती थी कि किसी रजवाड़े के अंतर्गत कितना क्षेत्र शामिल है।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद नेताओं की चिंता :- नेताओं को चिंता हुई कि अगर भाषा के आधार पर प्रांत बनाए गए तो इससे अव्यवस्था पैदा होगी और देश के टूटने का खतरा पैदा हो सकता है।

भाषा के आधार पर भारत का पहला राज्य :-

(आंध्र प्रदेश)

  • पुराने मद्रास में तेलुगु भाषी क्षेत्र में विरोध उठा।
  • मद्रास में वर्तमान के तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरल, कर्नाटक राज्य है
  • यह विशाल आंदोलन आंध्र प्रदेश के नाम का एक अलग राज्य की मांग को लेकर था।
  • तेलुगु भाषी क्षेत्र को अलग कर के आंध्रप्रदेश बनाया गया।
  • कांग्रेस नेता पोट्टी श्रीरामलू भूख हड़ताल पर बैठ गए।
  • 56 दिन के बाद उनकी मौत हो गई हिंसक आंदोलन घटनाएं लोग सड़क पर आ गए विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।
  • अंत में नेहरू जी ने आंध्रप्रदेश की मांग को स्वीकार कर लिया।  

पोट्टी श्रीरामलू कौन थे ?

  • कांग्रेस के नेता और दिग्गज गांधी बागी 56 दिनों की भूख हड़ताल के बाद उनकी मृत्यु हो गई अर्थात जिसके उपरांत आंध्र प्रदेश का गठन किया गया था।

हमारे नेताओं को भाषा के आधार पर बनाए जा रहे राज्यों को लेकर चिंता क्यों थी?

  • क्योंकि उन्हें लगता था कि इससे बड़ी व्यवस्था फैल सकती है तथा देश के टूटने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
  • भाषावार राज्यों के गठन से दूसरी सामाजिक आर्थिक चुनौतियों से ध्यान भटक सकता है जबकि देश इन चुनौतियों की चपेट में है।
  • भाषाई राज्यों में अलगाववाद की भावना पनपेगी और नवनिर्मित भारत पर दबाव बढ़ेगा।

राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना और इसकी मुख्य सिफारिशें :-

  • राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना सन 1953 में हुआ था लेकिन राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में पारित हुआ।
  • इसकी मुख्य शिफरिशे :- इसकी मुख्य सिफारिशें यह थी कि राज्यों को भाषा के आधार पर बांट दिया जा सकता है।

भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का भारत की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ा?

भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की घटना को आज 50 साल से भी अधिक का समय हो गया है भाषाई राज्य व राज्य के गठन के लिए होने वाले आंदोलनों ने लोकतांत्रिक राजनीतिक तथा नेतृत्व की प्रकृति को बुनियादी रूपों में बदला है।

अंग्रेजी भाषा का प्रभुत्व समाप्त हुआ और अन्य भाषाओं के लिए भी राजनीति सत्ता में भागीदारी होने का रास्ता खुल चुका है।

भाषा आधारित पुनर्गठन राज्यों के सीमांकन के लिए समरूप आधार भी मिला है।

देश की एकता और अधिक मजबूत हुई और भाषा पर आधारित राज्यों के पुनर्गठन से विभिन्नता के सिद्धांत को स्वीकृति मिली।

भारत के लोकतांत्रिक होने का अर्थ है कि लोकतंत्र को चुनने का मतलब या अभियंताओं की पहचान करना और उन्हें स्वीकार करना।

नए राज्यों का निर्माण

  • 1960- में गुजरात और महाराष्ट्र
  • 1963- में नागालैंड
  • 1966- में पंजाब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश
  • 1972- में मेघालय
  • 1977- में अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम 
  • 2000- में झारखंड, उत्तराखंड (उत्तरांचल) और छत्तीसगढ़

*क्षेत्रीय असंतुलन के आधार पर सन 2000 में झारखंड उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्य बनाए गए थे।

Important points:

  • आजादी के उथल पुथल भरे दिनों में भी हमारे नेताओं का ध्यान ‘राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां’ से नहीं भटका।
  • भारत के विभाजन का मुख्य आधार धार्मिक बहुसंख्यक था।
  • भारत के विभाजन के समय पंजाब और पश्चिम बंगाल मुसलमानों की संख्या सबसे अधिक थी।
  • खान अब्दुल गफ्फार खान को सीमांत गांधी के नाम से जाना जाता है।
  • भारत विभाजन के समय लाहौर, अमृतसर और कोलकाता संप्रदायिक अखाड़े में तब्दील हो गए थे।
  • भारत विभाजन के दौरान वित्तीय संपदा के साथ-साथ टेबल, कुर्सी, टाइपराइटर और पुलिस के बाद यंत्रों तक का बंटवारा हुआ था।
  • भारत विभाजन के कारण 80 लाख लोगों को अपना घर बार छोड़ना पड़ा था।
  • स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में कुल 12% मुस्लिम थे।
  • महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1947 को नाथूराम गोडसे ने की थी।
  • स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत में कुल 565 रजवाड़े थे।
  • रजवाड़ों के शासकों को मनाने और समझाने में ‘सरदार वल्लभभाई पटेल’ ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी।
  • भारतीय सेना ने निजाम के खिलाफ 1948 में सैनिक कार्रवाई की थी।
  • सर्वप्रथम सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का प्रयोग मणिपुर में किया गया था।
  • 4 रियासतों के विलय में समस्याएं आई थी
  1. कश्मीर
  2. मणिपुर
  3. हैदराबाद
  4. जूनागढ़
  • भारत सरकार ने आंध्रप्रदेश नाम से अलग राज्य दिसंबर 1952 में बनाने की घोषणा की।
  • सबसे पहले त्रावणकोर के राजा ने अपने राज्य को आजाद रखने का ऐलान कर दिया था।

Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 1 Sid Classes


Political Science Class 12 MCQ with Answers PDF in Hindi Chapter 1 2nd Book

1. आजादी के समय अन्तरिम सरकार में जवाहरलाल नेहरू किस पद पर थे ?

  •  प्रधानमन्त्री
  • कैबिनेट मन्त्री
  •  गवर्नर जनरल की कार्य परिषद् में उपाध्यक्ष
  •  गवर्नर जनरल की कार्य परिषद् में अध्यक्ष

   गवर्नर जनरल की कार्य परिषद् में उपाध्यक्ष 

2. भारतीय संत्र का 29 वां राज्य कौन है ?

  • झारखण्ड
  • उत्तराखण्ड
  • छत्तीसगढ़
  • तेलंगाना

 तेलंगाना 

3. ‘भाग्यवधु से चिर-प्रतिक्षित भेंट’ या ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ नामक प्रसिद्ध भाषण किसने दिया था ?

  •  महात्मा गांधी
  •  सरदार पटेल
  •  जवाहरलाल नेहरू
  •  सुभाषचन्द्र बोस

   जवाहरलाल नेहरू  

4. 1947 में आजादी बंटवारे के साथ मिली और यह वर्ष भारत-पाकिस्तान के लिए

  • प्रसन्नता और सौहार्द्र का वर्ष था
  • अभूतपूर्व हिंसा और विस्थापन की त्रासदी का साल था
  • दोनों देशों के लिए पूर्ण विकास का वर्ष था
  • उपरोक्त में से कोई नहीं

अभूतपूर्व हिंसा और विस्थापन की त्रासदी का साल था  

5. भारत के विभाजन के कारण यहाँ कितने लोगों को जानें गंवानी पड़ी ?

  •  5 से 10 लाख
  • 10 से 15 लाख
  •  5 लाख
  •  इनमें से कोई नहीं

   इनमें से कोई नहीं  

6. फैज अहमद फैज कौन थे ?

  • कवि
  • नेता
  • संगीतकार
  • चिकित्सक

  कवि

7. भारत का संविधान कब स्वीकृत किया गया ?

  • 1947
  • 1949
  • 1955
  • 1952

 1949 

8. भारतीय संघ में शामिल होने वाली अन्तिम देशी रियासत कौन – सी थी ?

  • जम्मू तथा कश्मीर
  •  हैदराबाद
  • जूनागढ़
  • बीकानेर

जम्मू तथा कश्मीर 

9. भारत का पहला उपप्रधानमन्त्री कौन था ?

  • सरदार वल्लभ भाई पटेल
  • चौधरी चरण सिंह
  • चन्द्रशेखर
  •  लाल कृष्ण आडवानी

  सरदार वल्लभ भाई पटेल 

10. किस भाषा के आधार पर 1953 में आन्ध्र – प्रदेश राज्य का गठन किया गया था ?

  • तेलगु
  • मलयालम
  • कन्नड
  • तमिल

  तेलगु 

11. लौह पुरुष के रूप में कौन जाना जाता है ?

  • सुभाष चन्द्र बोस
  •  भगत सिंह
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल
  • लाला लाजपत राय

  सरदार वल्लभ भाई पटेल

12. राज्य पुनर्गठन आयोग के बारे में निम्न में से कौन कथन सही नहीं है ?

  •  इसके अध्यक्ष फजल अली थे
  • इसने भाषा को राज्यों के पुनर्गठन के आधार के रूप में अस्वीकृत किया
  • इसकी संस्तुतियों को सरकार ने स्वीकार कर लिया था
  • इसमें अध्यक्ष के अलावा दो अन्य सदस्य और थे

 इसने भाषा को राज्यों के पुनर्गठन के आधार के रूप में अस्वीकृत किया

13. आजाद भारत के समक्ष मुख्यतः तीन चुनौतियां कौन सी थी ?

  • एकता बनाये रखना
  • लोकतंत्र कायम करना
  • समूचे समाज का विकास
  • उपरोक्त सभी

   उपरोक्त सभी  

14. भारत का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ इसलिए स्वाभाविक रूप से भारत

  • मुस्लिम राष्ट्र हो गया
  • हिन्दू राष्ट्र हो गया
  • ईसाई राष्ट्र हो गया
  • इनमें से कोई नहीं

हिन्दू राष्ट्र हो गया  

15. संविधान में ___ के अंतर्गत लोक कल्याण के उन लक्ष्यों को भी स्पष्ट कर दिया था जिन्हें राजनीति को जरूर पूरा करना चाहिए ?

  • मौलिक अधिकार
  • एकल नागरिकता
  • संघवाद
  • राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत

 राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत  

16. नेहरु जी ने 14-15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि को जो प्रसिद्ध भाषण दिया वह किस नाम से जाना जाता है ?

  • आजादी की घोषणा
  • भाग्यवधू से चिर प्रतिक्षित भेंट
  •  ट्रिस्ट विद डेस्टिनी
  • भाग्यवधू से चिर प्रतिक्षित भेंट और  ट्रिस्ट विद डेस्टिनी

भाग्यवधू से चिर प्रतिक्षित भेंट और  ट्रिस्ट विद डेस्टिनी 

17. ब्रिटिश प्रभुत्व वाले भारत पर अंग्रेजों का शासन था दूसरी तरफ छोटे-मोटे रज थे जिन पर शासन किनका था ?

  • रजवाड़ों का
  • मुसलमानों का
  • राजाओं का
  • अंग्रेजों का

  राजाओं का  

18. आजादी के समय किन दो बातों पर सबकी सहमति थी ?

  • लोकतांत्रिक सरकार के द्वारा शासन
  • सबके भले के लिए काम
  • लोकतांत्रिक सरकार के द्वारा शासन और सबके भले के लिए काम
  •  इनमें से कोई नहीं

लोकतांत्रिक सरकार के द्वारा शासन और सबके भले के लिए काम

19. किस ब्रिटिश योजना द्वारा भारत के विभाजनका प्रस्ताव दिया गया ?

  • माउण्टबेटन योजना
  • केबिनेट मिशन योजना
  • क्रिप्स मिशन योजना
  •  शिमला प्रस्ताव

माउण्टबेटन योजना

20. देश के विभाजन के समय नोआखाली नामक स्थान चर्चा में क्यों था ?

  • भारत पर पाकिस्तानी आक्रमण के कारण
  • साम्प्रदायिक दंगों के कारण
  •  महामारी के कारण
  • भारत व पाकिस्तान के बीच जल विवाद के कारण

साम्प्रदायिक दंगों के कारण 

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