In this article, we will discuss the Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 from the 2nd book. This chapter focuses on understanding crisis of democracy, the concept of the state, based on NCERT Textbook. We will cover the following topics:
Context
“लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट”
आपातकाल की पृष्ठभूमि :-
- 1967 के बाद 1971 के चुनाव में कांग्रेस (R) भारी बहुमत से जीती, इंदिरा गांधी एक लोकप्रिय नेता बनकर उभरी।
- इस दौर में दलगत प्रतिस्पर्धा कहीं ज्यादा तीखी और ध्रुवीकृत हो चली थी।
- इस अवधि में न्यायपालिका और सरकार के आपसी रिश्ते में टकराव देखने को मिला।
- सर्वोच्च न्यायालय में सरकार की कई पहलकदमियों को संविधान के विरुद्ध माना।
- कांग्रेस का मानना था कि सरकार सही कार्य कर रही है लेकिन अदालत का रवैया ठीक नहीं था।
- सरकार का कहना था कि न्यायपालिका गरीबों को लाभ पहुंचाने वाले नीति की राह में रोड़े अटका रही है।
प्रेस सेंसरशिप :- प्रेस सेंसरशिप का अर्थ होता है प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगाना। इसमें समाचार पत्रों को कुछ भी छापने से पहले सरकार से अनुमति लेनी जरूरी है।
आपातकाल के दौरान संवैधानिक प्रावधानों में हुए बदलाव :-
- प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के निर्वाचन को अदालत में चुनौती नहीं दिया जा सकता।
- लोकसभा के कार्यकाल को 5 से बढ़ाकर 6 वर्ष कर।
निवारक नजरबंदी :-
- शक के आधार पर गिरफ्तारी संबंध संवैधानिक प्रावधान
- आपातकाल के दौरान इसका गलत प्रयोग किया गया।
25 जून 1975 के आपातकाल के आर्थिक कारण :-
- गरीबी हटाओ के नारों का अर्थ विहीन होना।
- भारत की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ना।
- अमेरिका से आर्थिक सहायता का बंद होना।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में वृद्धि।
- बेरोजगारी का बढ़ना।
- वर्षा में मानसून की असफलता।
- इसी अवधि में कुछ ऐसे समूह जो संसदीय व्यवस्था में भरोसा नहीं रखते थे उनकी सक्रियता बढ़ी।
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था को हटाने के लिए हथियार उठा लिए गए ये समूह मार्क्सवादी, लेनिनवादी, माओवादी और नक्सलवादी कहलाए।
- यह समूह पश्चिम बंगाल में ज्यादा सक्रिय थे।
गुजरात और बिहार के आंदोलन :-
- गुजरात और बिहार दोनों जगह कांग्रेस की सरकार थी। जनवरी 1974 के महा में गुजरात के छात्रों ने खाद्यान्न, खाद्य तेल तथा अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमत तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया।
- आंदोलन में बड़ी राजनीतिक पार्टी शरीफ हुई।
- गुजरात में राष्ट्रपति शासन लगा दिया और विपक्षी दलों ने दोबारा चुनाव की मांग की।
- मोरारजी देसाई ने कहा अगर चुनाव नहीं हुए तो भूख हड़ताल करेंगे।
- दबाव में 1975 में चुनाव कराए गए और कांग्रेस हार गई।
बिहार का छात्र आंदोलन :-
- मार्च 1974 में बिहार में छात्रों ने आंदोलन छेड़ दिया बढ़ती कीमतें खाद्यान्न संकट, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ।
- उन्होंने जयप्रकाश नारायण को बुलावा भेजा जेपी नारायण इस अवधि में समाजसेवक बन चुके थे।
- जेपी ने छात्रों का निमंत्रण इस शर्त पर स्वीकार किया कि आंदोलन अहिंसक रहेगा और अपने को सिर्फ बिहार तक ही सीमित नहीं रखेगा।
- जयप्रकाश नारायण ने बिहार की कांग्रेस सरकार को हटाने की मांग की।
- उन्होंने सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक दायरे में संपूर्ण क्रांति का आरंभ किया।
- जयप्रकाश नारायण ने रेलवे के कर्मचारियों से राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
- इससे रोज के कामकाज ठप होने का खतरा पैदा हुआ।
- सन् 1975 में जयप्रकाश नारायण ने जनता के संसद मार्च को संबोधित किया।
- देश की राजधानी में अब तक की सबसे बड़ी रैली थी।
जयप्रकाश नारायण
- भारतीय जनसंघ
- कांग्रेस पार्टी (ओ)
- जनता पार्टी
- सोशलिस्ट पार्टी
- भारतीय लोक दल
- जयप्रकाश नारायण को इंदिरा के प्रतिद्वंदी के रूप में देखा
- इन आंदोलनों को कांग्रेस तथा इंदिरा गांधी के खिलाफ माना गया।
सरकार और न्यायपालिका के बीच संघर्ष
विवाद के तीन प्रमुख मुद्दे :-
- क्या संसद मौलिक अधिकारों में परिवर्तन कर सकती है?
- क्या संसद संविधान में संशोधन करके संपत्ति के अधिकार में काट-छांट कर सकती है?
- मुख्य न्यायाधीश बनाने का मुद्दा (1973) तीन अनुभवी जजों छोड़ करके ए.एन. राय को जज बनाया।
- यह निर्णय राजनीतिक रूप से विवादास्पद बन गया क्योंकि सरकार ने जिन तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों की अनदेखी इस मामले में उन्होंने सरकार के इस क़दम के विरुद्ध फैसला दिया।
आपातकाल की घोषणा :-
- 12 जून 1975 के दिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जगमोहन लाल सिंह ने एक फैसला सुनाया।
- इस फैसले में उन्होंने लोकसभा के लिए इंदिरा गांधी के निर्वाचन को गैर संवैधानिक घोषित कर दिया।
- यह फैसला समाजवादी नेता राजनारायण द्वारा दायर याचिका में लिया गया था।
याचिका : इंदिरा गांधी ने चुनाव प्रचार में सरकारी कर्मचारियों की सेवाओं का प्रयोग किया।
- इस फैसले का मतलब था इंदिरा गांधी और सांसद नहीं रही अगर अगले 6 महीने की अवधि में अगर दोबारा सांसद निर्वाचित नहीं होती तो प्रधानमंत्री के पद पर नहीं रह सकती।
- 24 जून 1975 को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर आंशिक स्थावानादश सुनाते हुए फैसला दिया जब फैसले की अपील पर सुनवाई नहीं होती तब तक इंदिरा गांधी सांसद बनी रहेगी।
संकट और सरकार :-
- यहां प्रकाश तथा अन्य विपक्षी दलों ने इंदिरा गांधी के इस्तीफे के लिए दबाव बनाया।
- इन दलों ने 25 जून 1975 को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन किया।
- जयप्रकाश ने इस्तीफे की मांग करते हुए राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह की घोषणा की।
- जयप्रकाश में तैनात पुलिस और सरकारी कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे सरकार के अनैतिक और अवैधानिक आदर्शों का पालन ना करें।
- इससे सरकारी कामकाज ठप होने का अंदेशा पैदा हो गया।
- सरकार ने इन घटनाओं को देखते हुए आपातकाल की घोषणा कर दी।
- 25 जून 1975 को सरकार ने घोषणा की कि देश में गड़बड़ी की आशंका है और इस तर्क के साथ सरकार संविधान के अनुच्छेद 352 को लागू कर दिया।
अनुच्छेद 352 : इस अनुच्छेद के अंतर्गत प्रावधान किया गया है कि बारी अथवा अंदरूनी गड़बड़ी की आशंका होने पर सरकार आपातकाल लागू कर सकती है।
आपातकाल
- राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
- 26 October1962भारत-चीन युद्ध
- 3 दिसंबर 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध
- 25 जून 1975 आंतरिक अशांति
- राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356)
- वित्तीय शासन (अनुच्छेद 360)
- आपातकाल की घोषणा के बाद सारी शक्तियां केंद्र के हाथ चली गई, सरकार चाहे तो मौलिक अधिकार में कटौती कर सकती है।
- 25 जून 1975 की रात में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से आपातकाल लागू करने की घोषणा की राष्ट्रपति ने तुरंत उद्घोषणा कर दी।
- आधी रात बाद अखबारों के दफ्तर की बिजली काट दी गई सुबह विपक्षी दलों को गिरफ्तार कर लिया गया।
- 25 जून की सुबह मंत्रिमंडल को इस बात की सूचना दी गई।
25 जून 1975 के आपातकाल के परिणाम :-
- सरकार के इस फैसले से विरोध आंदोलन एक-बारगी रुक गया हड़ताल पर रोक लगा दी गई अनूप विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया राजनीतिक माहौल में तनाव भरा एक गहरा सन्नाटा छा गया।
- सरकार निवारक नजरबंदी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया इस प्रावधान के अंतर्गत लोगों को गिरफ्तार इसलिए नहीं किया गया कि उन्होंने कोई अपराध किया है।
- आपातकाल के दौरान निवारक नजरबंदी अधिनियमों का प्रयोग करके बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी की।
- 1976 के अप्रैल माह में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ में उच्च न्यायालय के फैसले को उलट दिया और सरकार की डली मान ली।
- आपातकाल की मुखालफत और प्रतिरोध की घटनाएं घटी पहली नजर में जो राजनीतिक कार्यकर्ता गिरफ्तारी से बच गए थे वह भूमिगत हो गए और उन्होंने सरकार के खिलाफ मुहिम चलाई।
- सांसद में संविधान के सामने कई नई चुनौतियां खड़ी इंदिरा गांधी के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि में संविधान में संशोधन हुआ।
आपातकाल का विरोध :-
- जो विकास की रफ्तार में बैठ गए थे वे भूमिगत हो गए।
- इंडियन एक्सप्रेस और स्टेट्समैन प्रेस सेंसरशिप का विरोध किया।
- सेमिनार और मेंस्ट्रीम जैसे मैगजीन बंद हो गए।
- लेखक शिवराम करांत और फणीश्वर नाथ रेणु ने लोकतंत्र के दामन में अपने पदवी लौटा दी।
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के लिए संविधान संशोधन में प्रावधान किया गया कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति पद को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
आपातकाल को लेकर विवाद :-
- क्या आप आता जरूरी था? सरकार और भी तरीके अपना सकती थी, जैसे : सेना, पुलिस का उपयोग, इस्तीफा देना आदि
- लेकिन सरकार ने पूछा नहीं है अंधेरों में गड़बड़ी बता कर आपातकाल लगाया क्या यह पता लगाने का प्रयास कारण था?
- सरकार का मानना था कि बार-बार का विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
- विपक्ष सरकार पर निशाना साधने के लिए जय संसदीय राजनीति का सहारा ले रही है।
- इससे अस्थिरता पैदा होती है और सरकार का ध्यान विकास के कामों से भंग होता है।
- प्रारंभ में CPI ने कांग्रेस का साथ दिया लेकिन बाद में CPI में भी महसूस किया कि आपातकाल गलत था।
शाह जांच आयोग :-
- जनता पार्टी की सरकार ने 1977 शाह जांच आयोग का गठन किया।
- जे.सी. शाह -सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश
- 25 जून 1975 के आपातकाल के दौरान की गई कार्यवाही कथा सप्ताह के दुरुपयोग अतिचार और कदाचार के विभिन्न आरोपों के विविध पहलुओं की जांच के लिए किया गया था।
- हजारों गवाहों के बयान दर्ज किए और इंदिरा गांधी का भी ध्यान देने का प्रयास किया पर इंदिरा ने कोई बयान नहीं दिया।
आपातकाल के दौरान क्या क्या गलत हुआ?
- सत्ता का दुरुपयोग किया गया और इसके बूते ज्यादतियां की गई।
- सरकार ने बीस सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की और इसे लागू करने का अपना दृंड संकल्प दोहराया।
- आपातकाल के दौरान अनेक प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसमें कुल 676 नेताओं की गिरफ्तारी हुई।
- निवारक नजरबंदी के तहत लगभग एक लाख ग्यारह हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
- बिजली काटी गई अखबारों के दफ्तरों की।
- दिल्ली में झुग्गी बस्तियों को हटाने तथा जबरन नसबंदी करने की मुहिम चलाई गई।
- संजय गांधी ने सरकारी कामकाज में दखलंदाजी की।
25 जून 1975 के आपातकाल के मुख्य सबक :-
- भारत के लोकतंत्र को विदा कर पाना बहुत कठिन है
- आपातकाल अब अंदरूनी गड़बड़ी बताकर नहीं लगाया जा सकता केवल सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में ही लगाया जा सकता है।
- आपातकाल की घोषणा की सलाह मंत्री परिषद लिखित में राष्ट्रपति को दे।
- नागरिक को अपने अधिकारों के प्रति ज्यादा सचेत हुए है।
आपातकाल के बाद राजनीति :-
- जैसे ही आपातकाल खत्म हुआ लोकसभा के चुनावों की घोषणा हुई।
- आपातकाल का असर 1977 के चुनावों के परिणामों से पता लगा।
- विपक्ष ने “लोकतंत्र बचाओ” के नारे पर अपना चुनाव प्रचार किया ।
- विपक्ष ने जनता को आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों की याद दिला दी थी।
- विपक्ष की सारी पार्टी एक छतरी के नीचे आ गई।
- आपातकाल 18 महीने तक चला।
लोकसभा के चुनाव-1977 :-
- जनवरी 1977 में चुनाव कराने का फैसला किया गया सभी नेताओं को जेल से रिहा कर दिया गया।
- 1977 के मार्च में चुनाव हुए ऐसे में विपक्ष को चुनावी तैयारी साकड़ा कम समय मिला।
- चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी एक साथ मिल गई और जनता पार्टी बनाई।
- नई पार्टी में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व सौंपा।
- कांग्रेस के कुछ नेता जो आपातकाल के खिलाफ से जनता पार्टी में शामिल हो गए।
- जगजीवन राम ने एक नई पार्टी बनाई “Congress for democracy”बाद ये पार्टी भी जनता पार्टी में शामिल हो गई।
- पार्टी ने चुनाव प्रचार में आपातकाल के दौरान हुई ज्यातियो को जनता के सामने पेश किया।
- जनमत कांग्रेस के विरोध था। गैर-कांग्रेसी वोट अब एक ही जगह पढ़ने थे और कांग्रेस के लिए यह बुरा वक्त था।
1977 के चुनाव परिणाम :-
- आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि कांग्रेस चुनाव हार गई।
लोकसभा – 154 सीटें
वोट – 35% कम
- जनता पार्टी सहयोगियों के साथ 330 सीट।
- अकेले जनता पार्टी को 295 सीट मिली।
1977 के चुनाव परिणाम :-
- उत्तर भारत में कांग्रेस का बुरा हाल था।
- बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में एक भी सीट कांग्रेस को नहीं मिली।
- कांग्रेस को राजस्थान और मध्य प्रदेश में केवल 1 सीट मिली।
- इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव हारे और संजय गांधी अमेठी से।
- महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा में कांग्रेस की सीट जीती। लेकिन उत्तर भारत का मध्यवर्ग कांग्रेस से दूर जाने लगा।
- आपातकाल के हिंसा का नतीजा था 1977 चुनाव परिणाम जनता पार्टी ने सरकार बनाई।
- पहली बार केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार बनी
किन कारणों से 1980 में मध्यवर्ती चुनाव कराने को पड़े?
- जनता पार्टी में नेतृत्व, निर्देशन और एक सहयोगी कार्यक्रम की जरूरत थी।
- मोरारजी देसाई और जनता पार्टी सरकार के नेतृत्व वाली सरकार में कठिनाइयों की वजह से सरकार ने 18 महीने से भी कम समय में बहुमत को दिया।
- जनता पार्टी सरकार कांग्रेस द्वारा बनाई गई नीतियों में कोई बदलाव नहीं किए गए।
- चौधरी चरण सिंह सरकार कांग्रेस पार्टी के समर्थन में बने तथा कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस लेने का निर्णय लिया जिससे 4 महीने के अंदर चौधरी चरण सिंह की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा।
- उपयुक्त कारणों की वजह से 1980 में मध्यवर्ती चुनाव हुए जिसमें जनता पार्टी की हार हुई और दोबारा 353 सीट के साथ इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस वापस आई।
- मतदान ने एक सबक सिखाया की यह सरकार के अंदर कल आए हो तो मतदाता उसे भारी दंड देते हैं।
- 1977 के बाद पिछड़े वर्गों की भलाई का मुद्दा भारतीय राजनीति पर हावी होने लगी बिहार में OBC आरक्षण पर शोर मचा।
- इसके बाद जनता पार्टी के सरकार ने मंडल आयोग नियुक्त किया।
अध्यक्ष – बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल
कार्य – आयोग को पिछड़ी जाति के बारे में कार्य
नोट :-
- 1975 का राष्ट्रीय आपातकाल आंतरिक अशांति के आधार पर लगाया गया था।
- केशवानंद भारती मुकदमा संविधान की मूल संरचना के लिए प्रसिद्ध हैं।
- 1980 के चुनावों में कांग्रेस को लोकसभा में 353 सीटें प्राप्त हुई।
- 1975 के राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान 42 वें संविधान संशोधन किया गया था।
- 25 जून 1975 को आपातकाल लागू करने की घोषणा के समय भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद थे।
- आपातकाल के दौरान गरीबों के हित के लिए इंदिरा गांधी ने 20 सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की थी।
- मोरारजी देसाई की सरकार गिरने के पश्चात भारत का प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह बना था।
- “Indira is India, India is Indira” का नारा कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. बरुआ ने 1974 में दिया था।
- प्रेस सेंसरशिप का विरोध करने वाले दो समाचार पत्र : 1. इंडियन एक्सप्रेस, 2. स्टेट्समैन
- OBC: Other Backward Caste
Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6
Political Science Class 12 MCQ with Answers PDF in Hindi Chapter 6 2nd Book
Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6 Class 12 Political Science Notes in Hindi Chapter 6
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