Class 12 economics ch 3 notes in hindi

Class 12 economics ch 3 notes in Hindi

उत्पादन और लागत

उत्पादन क्या है?

अर्थशास्त्र में उत्पादन के लिए चार तत्वों की आवश्यकता होती है– भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमी। इन्हीं चार तत्वों के द्वारा हम कच्चे माल को तैयार माल में बदलते हैं । इसी प्रक्रिया को उत्पादन कहा जाता है। उत्पादन से अभिप्राय आगतों (Inputs) अर्थात कारकों का निर्गातों (Outputs) अर्थात वस्तुओं में रूपांतरण है। जब फर्म आगतों अर्थात कच्चे माल को निर्गत यानी तैयार माल में परिवर्तित करती है तो उपयोगिता का सृजन होता है। अतः उपयोगिता का के सृजन को ही उत्पादन कहा जाता है।

उत्पादन फलन क्या है?

“एक फर्म के भौतिक उत्पादन और उत्पादन के भौतिक कारकों के संबंध को उत्पादन फलन कहा जाता है।”

Qx= f (L, K)

यहां Q=X वस्तु का भौतिक उत्पादन,L=श्रम की भौतिक इकाइयां,K=पूंजी की भौतिक इकाइयां,f=फलन ।उत्पादक फलन दो प्रकार का होता है– अल्पकालीन उत्पादन फलन और दीर्घकालीन उत्पादन फलन 

  1. अल्पकाल (Sort Time/Short Period)- अल्पकाल समय की वह अवधि है जिसमें उत्पादन के कुछ कारकों की मात्रा में तो परिवर्तन किया जा सकता है, परंतु कुछ कारकों की मात्रा घटायी-बढ़ाई नहीं जा सकती अर्थात स्थिर रहते हैं। इस समय अवधि में उत्पादन को वर्तमान उत्पादन क्षमता तक बढ़ाया जा सकता है। अन्य शब्दों में अल्पकाल वह अवधि है जिसमें उत्पादन के कुछ साधन परिवर्तनशील होते हैं जबकि कुछ साधन स्थिर रहते हैं।
  2.  दीर्घकाल (Long Term/Long Period) दीर्घकाल समय की वह अवधि है जिसके दौरान उत्पादन के सभी कारकों की मात्रा घटायी-बढ़ाई जा सकती है। अर्थात् किसी भी कार्य की मात्रा स्थिर नहीं होती। इस समयावधि में उत्पादन को बाजार की मांग के अनुसार घटाया–बढ़ाया जा सकता है।

A-अल्पकालीन उत्पादन फलन

Short Run Production Function

अल्पकाल समय की वह अवधि है जिसमें उत्पादन के कुछ साधन स्थिर होते हैं तथा कुछ परिवर्तनशील । फलस्वरुप उत्पादन केवल परिवर्तनशील कारकों के अधिक प्रयोग द्वारा ही बढ़ाया जा सकता है। परंतु उत्पादन को वर्तमान उत्पादन–क्षमता सीमा से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता।अल्पकालीन उत्पादन फलन को परिवर्ती अनुपात का उत्पादन फलन (Variable Proportions type Production Function) भी कहा जाता है। अल्पकाल उत्पादन फलन-  Y= f(X12)Y=वस्तुओं का अधिकतम संभव उत्पादन,X1= कारक-1 की मात्रा जो परिवर्तनशील हैX̅2=कारक 2 की मात्रा जो स्थिर है।

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B. दीर्घकालीन उत्पादन फलन

Long Run Production Function

दीर्घकाल समय की वह अवधि होती है जिसमें सभी कारक परिवर्तनशील होते हैं। इसलिए उत्पादन के अधिक कारकों का प्रयोग कर के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इसे समान अनुपात प्रकार का फलन (Constant Proportions Type Production Function) भी कहा जाता है।

* उत्पादन के स्थिर एवं परिवर्तनशील साधन

उत्पादन के स्थिर साधन वे साधन होते हैं जिनके मात्रा में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। उदाहरण पूंजी, प्लांट एवं मशीनरी, इमारतें, प्रबंधकीय सेवाएं आदि। स्थिर साधनों की मात्रा में अल्पकाल में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।परिवर्तनशील साधन वह साधन होते हैं जिनका प्रयोग उत्पादन में परिवर्तन होने से परिवर्तित होता है। अन्य शब्दों में, परिवर्तनशील साधन वे साधन होते हैं जिनकी मात्रा में परिवर्तन किया जा सकता है। उदाहरण– श्रमिकों की सेवाएं, कच्चा माल आदि। परिवर्तनशील साधनों की मात्रा में अल्पकाल में परिवर्तन किया जा सकता है।

उत्पादन की तीन धारणाएं कुल उत्पाद,औसत उत्पाद तथा सीमांत उत्पाद

Three Concepts of Production- Total Product (TP), Average Product (AP) and Marginal Product (MP)उत्पादन की तीन धाराएं होती हैं– कुल उत्पाद (TP), औसत उत्पाद (AP) तथा सीमांत उत्पाद (MP) का। इनका वर्णन निम्न प्रकार से है–

Total Product-TP

एक निश्चित समय में उत्पादित की गई वस्तुओं तथा सेवाओं की कुल मात्रा को कुल उत्पाद (TP) कहा जाता है। उदाहरण के लिए एक किसान भूमि के एक निश्चित टुकड़े जैसे 1 एकड़ पर श्रम की एक इकाई का प्रयोग करके 2 क्विंटल गेहूं का उत्पादन करता है तो 2 क्विंटल गेहूं को एक श्रमिक का कुल उत्पाद कहा जाएगा। इस उदाहरण में भूमि उत्पादन का स्थिर कारक है तथा श्रम परिवर्तनशील कारक है। गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जैसे-जैसे परिवर्तनशील कारक (श्रम) की अधिक इकाइयों का प्रयोग किया जाएगा तो आरंभ में कुल उत्पाद (TP) अधिक तेजी से बढ़ता है। इसके पश्चात कुल उत्पाद (TP) धीमी गति से बढ़ता है और अंत में एक बिंदु ऐसा आ जाता है, जहां कुल उत्पाद (TP) बढ़ने के स्थान पर कम होने लगता है। इसका कारण यह है कि आरंभ में एक परिवर्तनशील कारक (श्रम) की कम इकाई लगाए जाने के कारण स्थिर कारक (भूमि) का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता। परंतु जैसे-जैसे परिवर्तनशील कारक (श्रम) की  अधिक इकाइयों का प्रयोग करते जाते हैं, स्थिर कारक का अधिक कुशलतापूर्वक उपयोग होता जाता है। परंतु एक सीमा के पश्चात परिवर्तनशील कारक की अधिक इकाइयों का उपयोग करने से उत्पादन गिरने लगता है। क्योंकि ज्यादा भीड़भाड़ आदि की वजह से श्रमिकों की कुशलता बढ़ने के स्थान पर कम हो जाती है। कुल उत्पाद (TP) की अवधारणा को हम निम्न तालिका से भी स्पष्ट कर सकते हैं।कुल उत्पाद (TP) तालिका 

भूमि की इकाइयाँ(स्थिर साधन) श्रम की इकाइयाँ(परिवर्तनशील साधन) कुल उत्पाद (टन में)(Total Production/TP)
1 1 2
1 2 5
1 3 9
1 4 11
1 5 12
1 6 12
1 7 11

 उपरोक्त तालिका से स्पष्ट होता है कि जब श्रम की इकाइयां 5 होती है तो कुल उत्पाद (TP) अधिकतम होता है। इसके पश्चात कुल उत्पाद कम होता जाता है।

सीमांत उत्पाद (MP) Marginal Product-MP

परिवर्तनशील कारक की एक इकाई का कम या अधिक प्रयोग करने से कुल उत्पाद (TP) में जो अंतर आता है उसे सीमांत उत्पाद (MP) कहा जाता है। उदाहरण के लिए ऊपर दिए गए तालिका में श्रम की एक इकाई लगाने से 2 टन अनाज का उत्पादन होता है, 2 इकाई लगाने से 5 क्विंटल अनाज का उत्पादन होता है। इस दशा में दूसरी इकाई का सीमांत उत्पाद (MP) 5–2=3 टन होगा। सीमांत उत्पाद (MP) को हम निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात कर सकते हैं–Class 12 economics ch 3 notes in Hindi MPn=TP– TPn-1अथवाMP= TP/ Lसीमांत उत्पाद की धारणा को निम्न तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है–कुल उत्पाद (TP) और सीमांत उत्पाद (MP) तालिका 

भूमि की इकाइयाँ(स्थिर साधन) श्रम की इकाइयाँ(परिवर्तनशील साधन) कुल उत्पाद (टन में)(Total Product/TP) सीमांत उत्पाद (टन में)(Marginal Product/MP)
1 0 0
1 1 2 2-0= 2
1 2 5 5-2= 3
1 3 9 9-5= 4
1 4 11 11-9= 2
1 5 12 12-11= 1
1 6 12 12-12= 0
1 7 11 11-12= -1

 तालिका से ज्ञात होता है कि आरंभ में श्रम की अतिरिक्त इकाइयों का प्रयोग करते जाने से सीमांत उत्पाद (MP) बढ़ता जाता है। परंतु एक सीमा के पश्चात सीमांत उत्पाद (MP) कम हो जाता है। श्रम की छठी इकाई पर सीमांत उत्पाद (MP) शून्य हो गया है। इसके पश्चात सीमांत उत्पाद ऋणात्मक हो जाता है।

औसत उत्पाद (AP)
Average Production-AP

परिवर्तनशील कारक की प्रति इकाई उत्पादन को औसत उत्पाद (AP) कहा जाता है। कुल उत्पाद (TP) को परिवर्तनशील कारक की इकाइयों से भाग देने पर औसत उत्पाद (AP) ज्ञात किया जा सकता है। इसे निम्न तालिका की सहायता से स्पष्ट किया जा सकता है।कुल उत्पाद (TP), सीमांत उत्पाद (MP) और औसत उत्पाद (AP) तालिका 

भूमि की इकाइयाँ(स्थिर साधन) श्रम की इकाइयाँ(परिवर्तनशील साधन) कुल उत्पाद (टन में)(Total Product/TP) सीमांत उत्पाद (टन में)(Marginal Product/MP) औसत उत्पाद (टन में)(Average Product/AP)
1 0 0
1 1 2 2-0= 2 2÷1=2
1 2 5 5-2= 3 5÷2=2.5
1 3 9 9-5= 4 9÷3=3
1 4 11 11-9= 2 11÷4=2.7
1 5 12 12-11= 1 12÷5=2.4
1 6 12 12-12= 0 12÷6=2
1 7 11 11-12= -1 11÷7=1.5

तालिका से ज्ञात होता है कि आरंभ में औसत उत्पाद (AP) बढ़ रहा है। तीसरी इकाई के बाद यह कम होना आरंभ हो जाता है। परंतु औसत उत्पाद धनात्मक रहता है। यह सीमांत उत्पाद (MP) की तरह कभी भी शून्य या ऋणात्मक नही होता।

कुल उत्पाद (TP) तथा सीमांत उत्पाद (MP) और औसत उत्पाद (AP) में संबंध

Relation between TP, MP and AP

उत्पादन की इन तीनों अवधारणाओं को हम निम्न तालिका व रेखाचित्र से स्पष्ट कर सकते हैं–(विशेष नोट- विद्यार्थी उपरोक्त तालिका को भी प्रयोग कर सकते हैं,एवं इसके आधार पर ग्राफ भी बना सकते हैं। परन्तु ग्राफ पर विभिन्न बिन्दुओं को स्पष्टता से दर्शाने के लिए निम्न तालिका में बड़ी संख्याओं को लिया गया है ) कुल उत्पाद (TP), सीमांत उत्पाद (MP) और औसत उत्पाद (AP) तालिका 

(1)भूमि की इकाइयाँ(स्थिर साधन) (2)श्रम की इकाइयाँ(परिवर्तनशील साधन) (3)चावल का कुल उत्पाद (टन में)(Total Product/TP) (4)सीमांत उत्पाद (टन में)(Marginal Product/MP)MPn=TP– TPn-1 (5)औसत उत्पाद (टन में)(Average Product/AP)(3)÷(2)
1 0 0
1 1 6 6 6
1 2 20 14 10
1 3 48 28 16
1 4 72 24 18
1 5 80 8 16
1 6 84 4 14
1 7 84 0 12
1 8 80 -4 10

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व्याख्या-

तालिका और रेखा चित्र की सहायता से हम इनके मध्य संबंध की निम्न प्रकार से व्याख्या कर सकते हैं–

अनुवीक्षण : सीमांत उत्पाद (MP) और कुल उत्पाद (TP) के बीच संबंध

Observations :

Relation between Marginal Product and Total Product

1)  जब सीमांत उत्पाद (MP) बढ़ रहा होता है, कुल उत्पाद (TP) भी बढ़ती दर पर बढ़ रहा होता है। तालिका और रेखाचित्र से स्पष्ट है कि परिवर्तनशील कारक अर्थात श्रम की तीसरी इकाई का चावल का सीमांत उत्पाद (MP) 6 से 14 फिर 28 टन तक बढ़ रहा है। इसका अर्थ यह है कि कुल उत्पाद (TP) बढ़ती दर पर बढ़ रहा है।

 2)  जब सीमांत उत्पाद (MP) घटना शुरू हो जाता है कुल उत्पाद (TP) घटती दर पर (ह्रासमान दर) पर बढ़ता है। तालिका और रेखाचित्र से स्पष्ट है कि श्रम की तीसरी इकाई के बाद से छठी इकाई तक सीमांत उत्पाद निरंतर घट रहा है। इस दशा में कुल उत्पाद (TP) तो बढ़ रहा है परंतु यह वृद्धि की दर घटती दर पर हो रही है। उदाहरण के लिए श्रम की पांचवीं इकाई लगाने पर सीमांत उत्पाद (MP) केवल 8 टन तथा छठी इकाई लगाने पर सीमांत उत्पाद (MP) केवल 4 टन है। इस दशा में कुल उत्पाद (TP) 72 से 80 तथा 80 से 84 हुआ है। कुल उत्पाद (TP) बढ़ा अवश्य है। परंतु यह वृद्धि की दर निरंतर घटती जा रही है।  3)  जब सीमांत उत्पाद (MP) शून्य  है तब कुल उत्पाद में कोई वृद्धि नहीं होती। सीमांत उत्पाद (MP) के शून्य होने पर कुल उत्पाद (TP) अधिकतम होता है।

4)  जब सीमांत उत्पाद (MP) ऋणात्मक हो जाता है तो कुल उत्पाद (TP) भी घटना शुरू हो जाता है। जैसा की तालिका से स्पष्ट है कि श्रम की आठवीं इकाई लगाने पर सीमांत उत्पाद (MP) ऋणात्मक हो जाता है। इस वजह से कुल उत्पाद (TP) भी 84 से घटकर 80 हो जाता है।

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अनुवीक्षण : औसत उत्पाद (AP) और सीमांत उत्पाद (MP) के बीच संबंध

Relation between Average Product and Marginal Product

 औसत उत्पाद (AP) तथा सीमांत उत्पाद (MP) दोनों का अनुमान कुल उत्पाद (TP) की सहायता से लगाया जा सकता है।औसत उत्पाद (AP) तथा सीमांत उत्पाद (MP) के बीच संबंध निम्न पाया जाता है–  1)  जब औसत उत्पाद (AP) बढ़ता है तो सीमांत उत्पाद (MP) भी बढ़ता है परंतु सीमांत उत्पाद (MP), औसत उत्पाद (AP) से अधिक तेजी से बढ़ता है। (MP>AP) । ये  रेखा चित्र में ‘a’ बिंदु से पहले तक की अवस्था  होती है।  2)  जब औसत उत्पाद (AP) घटता है तो सीमांत उत्पाद (MP) भी घटता है। परंतु सीमांत उत्पाद (MP) औसत उत्पाद (AP) से अधिक तेजी से घटता है। (MP<AP) रेखा चित्र में यह स्थिति बिंदु ‘a’ के बाद की है।3)  जब औसत उत्पाद (AP) अधिकतम तथा स्थिर होता है तो सीमांत उत्पाद (MP), औसत उत्पाद (AP) के बराबर होता है। रेखा चित्र में यह स्थिति ठीक बिंदु ए पर है।4)  औसत उत्पाद (AP) सदैव धनात्मक रहता है। परंतु सीमांत उत्पाद (MP) धनात्मक,शून्य और ऋणात्मक भी हो सकता है।

उत्पाद तालिका बनाने के नियम–

यदि प्रश्न में केवल कुल उत्पाद (TP) दिया गया है तो सीमांत उत्पाद (MP) और औसत उत्पाद (AP) कैसे ज्ञात करें? सबसे पहले कुल उत्पाद (TP) को परिवर्तनशील साधन अर्थात श्रम की इकाइयों से भागकर के क्रमशः औसत उत्पाद (AP) ज्ञात करें।सीमांत उत्पाद (MP) ज्ञात करने के लिए कुल उत्पाद (TP) की अगली मात्रा में से पिछली मात्रा को घटाकर सीमांत  उत्पाद ज्ञात किया जा सकता है।

यदि प्रश्न में केवल सीमांत उत्पाद (MP) दिया गया है तो कुल उत्पाद (TP) और औसत उत्पाद (AP) कैसे ज्ञात करें?

सबसे पहले सीमांत उत्पाद (MP) की इकाइयों को क्रमशः जोड़ते जाने पर हम कुल उत्पाद (TP) ज्ञात कर सकते हैं। इसके पश्चात कुल उत्पाद (TP) को परिवर्तनशील साधन की इकाइयों से भाग करके औसत उत्पाद (AP) ज्ञात कर सकते हैं।

यदि प्रश्न में केवल औसत उत्पाद (AP) अति आ गया है तो कुल उत्पाद (TP) तथा सीमांत उत्पाद (MP) कैसे ज्ञात करें? सबसे पहले औसत उत्पाद (AP) को श्रम की इकाइयों से गुणा करके हम कुल उत्पाद (TP) ज्ञात कर सकते हैं। इसके बाद कुल उत्पाद (TP) की सहायता से सीमांत उत्पाद (MP) आसानी से ज्ञात किया जा सकता है। इसके लिए कुल उत्पाद (TP) के अगली इकाई में से पिछली इकाई को घटाकर क्रमश: सीमांत उत्पाद ज्ञात किया जा सकता है।

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